🕉️🎯👌🏻श्री हरिपुरुषाय नमः🌍🫂
Paani Me Meen Piyaasi Kabeer Lyrics
पानी में मीन पियासी मोहे,
सुन-सुन हावे हाँसी।
जल थल सागर पूर रहा है,
भटकत फिरे उदासी॥
आत्मज्ञान बिना नर भटके,
कोई मथुरा कोई काशी।
मिरगा नाभि बसे कस्तूरी,
बन - बन फिरत उदासी॥
जल बिच कमल२ बिच कलियाँ,
ता पर भँवर निवासी।
सो मन बस त्रिलोक भयो हैं,
यति सती सन्यासी॥
जाको ध्यान धरे विधि हरि हर,
मुनिजन सहस्त्र अठासी।
सो तेरे घट माँही बिराजे,
परम पुरुष अविनाशी॥
है हाजिर तोहि दूर बतावें,
दूर की बात निरासी।
कहत कबीर सुनो साधो,
गुरु बिन भर्म न जासी॥
🚩 जय श्री गुरु महाराज जी की 🙏🏻