🕉️🎯👌🏻श्री हरिपुरुषाय नमः🌍🫂
Pani Bich Batasa Santo Kabeer
पानी बीच बतासा सन्तो,
तन का यही तमासा है।
क्या लाया क्या ले जायेगा,
क्यों बैठा पछताता है।
मुठ्ठी बाँधे आये जगत में,
हाथ पसारे जाता है॥
किसकी नारी कौन पुरुष है,
कहँ से नाता लगाता है।
बड़े निहाल खबर न तनकी,
बिरही लहर बुझाता है॥
इकदिन जीना दो दिन जीना,
जीना बरस पचासा है।
अन्तकाल बीसा सौ जीना,
फिर मरने की आसा है॥
ज्यों ज्यों पाँव धरो धरती में,
त्यों त्यों यम निथराता है।
कहे कबीर सुनो भाई साधो,
गाफिल गोता खाता है॥