🕉️🎯👌🏻श्री हरिपुरुषाय नमः🌍🫂
Pooju pahli ganpati rai Dadu Dayal Vani
दादू नमो नमो निरंजनं, नमस्कार गुरुदेवतः।
वन्दनं सर्व साधवाः, प्रणामं पारंगतः॥
परब्रह्म परात्परं, सो मम देव निरञ्जनम्।
निराकारं निर्मलं, तस्य दादू वन्दनम्॥
विघ्नभजे हरिनाम सो, व्याधि विकार विलाय।
ऐसा शरणा नाम का, सब दुख सहजे जाय॥
स्वामी दादू ब्रह्म है, भेद भाव नहीं कोय।
सुन्दर ताको सुमिरता सब सिद्धि कारज होय॥
पूजूँ पहली गणपति राइ, पड़िहूँ पावों चरणों धाइ।
आगे ह्वै कर तीर लगावै, सहजैं अपने बैन सुनाइ॥
कहूँ कथा कुछ कहे न जाइ, इकतिल में सबै समाइ॥
गुण हु गहीर धीर तन देही, ऐसा समर्थ सबै सुहाइ॥
जिस दिसि देखूँ ओही है रे, रह्या गिरि तरुवर छाइ॥
दादू रे आगै क्या होवै, प्रीति पिया कर जोड़ लगाइ॥
भक्ति का उपदेश कर रहे हैं जो सुर-गण, मुनि-गण, नर-गण आदि सभी समूहों के स्वामी हैं, विश्व के राजा हैं। हम दौड़ के उन प्रभु के चरणों में पड़कर प्रथम उनके पाद-पद्मों की ही पूजा करते हैं। वे साधन पथ में हमारे आगे रहकर, मकर-मत्स्य रूप कामादि शत्रुओं को वस्तु-विचारादि बाण मार कर भवसागर से पार किनारे लगाते रहते हैं और ध्यानावस्था में अनायास ही अपने मधुर वचन सुना कर हम को साधन-मार्ग दिखाते रहते हैं। उनके बल की कथा क्या कहू, कुछ कहने में नहीं आती। वे एक क्षण मात्र में संसार को अपने में वा तिल मात्र स्थल में लयकर लेते हैं। उनके गुण अथाह हैं। शरीर पर अपार धैर्य है। संपूर्ण जीवों के शरीरों को अपनी सत्ता से धारण करते हैं, ऐसे समर्थ और सब प्रकार सुन्दर हैं। जिस दिशा में भी हम देखते हैं, वे ही दीखते हैं। वे पर्वत-वृक्षादि सभी में स्थित हैं। अतः हे लोगो ! अभी से हाथ जोड़ कर उन प्रभु में प्रीति पूर्वक मन को लगाओ। आगे वृद्धावस्था में शरीर की क्रिया भी करना कठिन होगा, तब तुम से प्रभु प्राप्ति का क्या साधन हो सकेगा!
🎙️बजरंगदास जी Bajrang Das ji
https://youtu.be/BIa6o55tlj0?si=Bsj38ZcJ4YeB_KPc
https://youtu.be/i4u_GiJ0LBA?si=xmzPPAuzclA3774e