🕉️🎯👌🏻श्री हरिपुरुषाय नमः🌍🫂 

Nisdin barsat nain hamare Soordas 


निसदिन  बरसत  नैन  हमारे।

सदा रहत पावस ऋतु हम पर, जब ते स्याम सिधारे॥


अंजन थिर न रहत अँखियां में कर कपोल भये कारे।

कंचुकि-पट सूखत नहिं कबहुँ, उर बिच बहत पनारे॥


आँसू सलिल  भये पग थाके, बहे  जात  सित  तारे।

सूरदास अब  डूबत  है  ब्रज, काहे  न  लेत  उबारे॥