🕉️🎯👌🏻श्री हरिपुरुषाय नमः🌍🫂
Nisdin Khelat Rahi Sakhiyan Kabeer
निसदिन खेलत रही सखियन संग,
मोहि बड़ा डर लागे।
मोरे साहिब की ऊँची अटरिया,
चढत में जियरा कांपे॥
जो सुख चहे तो लज्जा त्यागे,
पियाजी से हिलमिल लागै।
घूंघट खोल अंग भर भेंटे,
नैन आरती साजै॥
कहत कबीर सुनो सखी मोरी,
प्रेम होई सो जानै।
निज प्रीतम की आस नहीं है,
नाहक काजर पारे॥
🎙️शेखर सेन Shekhar Sen