🕉️🎯👌🏻श्री हरिपुरुषाय नमः🌍🫂
Nirgun Kaun Des Ko Basi Soordas
निर्गुन कौन देस को बासी।
मधुकर कह समुझाइ सौंह दै बूझत साँच न हाँसी॥
को है जनक कौन है जननी कौन नार को दासी।
कैसे वर्ण भेष है कैसो, किहिं रस मैं अभिलाषी॥
पावेगो पुनि कियौ आपनौ, जो रे करेगो गाँसी।
सुनत मौन है रह्यौ बावरी, सूर सबै मति नासी॥