🕉️🎯👌🏻श्री हरिपुरुषाय नमः🌍🫂
Nam Tero Aarti Majan Murare Ravidas
नाम तेरो आरती मजन मुरारे।
हरि के नाम बिन झूठे सगल पसारे॥
हे मुरारी! तुम्हारा नाम जपना ही मेरे लिए आपकी आरती और आपको स्नान करवाने के समान है। हरि के नाम बिना सभी सांसरिक सुख झूठे हैं।
नाम तेरो आसनो नाम तेरो उरसा।
नाम तेरा केसरो ले छिटकारे॥
हे मुरारी ! तुम्हारा नाम ही पूजा का आसन है और तुम्हारा नाम ही सिल (उरसा) है जिस पर मैं चन्दन घिसता हूँ। तुम्हारा नाम ही केसर है जो मैं सदैव तुम्हारे ऊपर छिड़कता हूँ।
नाम तेरा अंभला नाम तेरो चन्दनो।
घस जपे नाम ले तुझहि कउ चारे॥
तुम्हारा नाम ही जल है और तुम्हारा नाम ही चन्दन है; जो तुम्हारे नाम-जाप से घिसकर तुम्हारे ऊपर ही लगाता हूँ।
नाम तेरा दीवा नाम तेरो बाती।
नाम तेरो तेल ले माहि पसारे॥
हे मुरारी! तुम्हारा नाम ही दीपक है और तुम्हारा नाम ही बाती है। तुम्हारा नाम ही तेल है जो मैंने नामरूपी दीपक में डाला है।
नाम तेरे की ज्योति लगाई।
भइओ उजियारो भवन सगलारे॥
मैंने तुम्हारे नाम की ही ज्योति जलाई है जिससे समस्त भवनों अर्थात् संसार में आपके नाम का प्रकाश हो गया है।
नाम तेरो तागा नाम फूल माला।
भार अठारह सगल जूठा रे॥
हे मुरारी! तुम्हारा नाम ही धागा है और तुम्हारा नाम ही फूलों की माला है। 'अठारह भार' वनस्पति के सारे फूल जूठे हैं।
तेरो कीआ तुझहि किआ अरपउ।
नाम तेरा तुही चँवर ढोला रे॥
हे प्रभु! जब सब कुछ तुम्हारा ही किया हुआ है, बनाया हुआ है तो मैं तुम्हारे आगे क्या अर्पित करूँ! मैं तुम्हारा नाम रूपी चँवर ही तुम्हारे ऊपर झुलाता हूँ।
दस अठा अठसठे चारे खाणी।
इहै वरतणि है सगल संसारे॥
अठारह पुराणों, अड़सठ तीर्थों एवं चारों खानियों (भूमज, अण्डज, जेरज और स्वेदज) व्यवहार में समस्त संसार लिप्त है।
कहै रविदास नाम तेरो आरती।
सत नाम है हरि भोग तुहारे॥
गुरु रविदास जी कहते हैं कि हे हरि! तुम्हारा नाम ही मेरे लिए सच्ची 'आरती' है और मैं आपको आपके ही सच्चे नाम का भोग लगाता हूँ।
🎙️ हंसराज हंस Hansraj Hans