🕉️🎯👌🏻श्री हरिपुरुषाय नमः🌍🫂
Nidra Bech Du Koi Leto Bhartari
राम ही राम रटे तो
तेरा मायाजाल कटेगो
निद्रा बेच दूँ कोइ ले तो...
भाव राख सत्सङ्ग में जाणो,
चित्त में राखो चेतो।
हाथ जोड़ चरणां से लिपटो,
जै कोई सन्त मिले तो॥
पाई की मण पाँच बेच दूँ,
जै कोई ग्राहक हो तो।
पाँचा में चार छोड़ दूँ,
दाम रोकड़ी दे तो॥
पाई- प्राचीन मुद्रा (एक रुपये में 192 पाई लगभग)
प्रसिद्ध कहावत भी है - पाई पाई जोड़ना।
यदि कोई इस नींद का खरीददार हो तो मुझसे ले ले क्योंकि मैं एक पाई की पाँच मण अर्थात् पूरी ही बेच दूँगा और यदि नगद दाम दे तो मतलब मेरी नींद को तुरन्त लेे ले तो पाँच मण में से भी चार मण के पैसे छोड़ दूँ एक मण के ही दाम ले लूँगा कहने का मतलब कुछ नहीं लूँगा पर ले लो 😅😅😅
बैठ सभा में मिथ्या बोले,
निन्दा करे पराई।
वो घर हमने तुम्हें बताया,
जाओ बिना बुलाई॥
जो सभा में बैठकर गप्पे मारे, पराई निन्दा ही जिसको गीतो-सी लगे अर्थात् दूसरों की बुराई करने ही जो लगा रहे।
हे निद्रा उस घर बिन बुलाई ही चले जाओ, क्योंकि वह बुरे काम से तो बच जायेंगे। गप्पे और किसी की बुराई करने से तो यही अच्छा है सोते रहे।
कै तो जाओ राजद्वारे,
कै रसिया रस भोगी।
म्हारो पीछो छोड़ बावरी,
मैं हाँ रमता जोगी॥
तुम या तो राजद्वार चली जाओ या फिर भोगों में लिप्त लोगों के पास चली जाओ, क्योंकि राजनीतिक लोग सत्ता को पाने की चिन्ता के कारण और भोगी भोगों की लालसा में चिन्ता के कारण परेशान हैं। हे निद्रा महारानी! उनके पास जाकर उन्हें आराम दो।
मेरा तो पीछा छोड़ दो पगली! मैं रमता जोगी हूँ अर्थात् मुझे तो भगवान् के भजन में रमण करने दो।
ऊँचा मन्दिर देख के जाओ,
जहाँ मणि चवँर धुलावे।
म्हारे सङ्ग क्या लेगी बावरी,
पत्थर से दुःख पावे॥
ऊँचे- ऊँचे मकान देखकर जाओ जहां मणि चँवर ढुलाते है।
(चँवर मुख्यत: गाय की पूँछ के लम्बे बालों तथा मोर पंखों से बना वह गुच्छा होता है, जो दस्ते के अगले भाग में लगा होता है।) चँवर धनवान् सेठों तथा राजाओं आदि के ऊपर इधर-उधर डुलाया जाता है, जिससे कि उन पर मक्खियाँ आदि न बैठने पायें। तुम्हारे लायक स्थान तो यही है, मेरे पास आकर क्यों पत्थर से सिर फोड़ रही हो अर्थात् व्यर्थ ही दुःख पा रही हो।
कहे भरथरी सुण भोळी निद्रा,
यहाँ न तेरा बासा।
म्हे तो म्हार गुरु चरणां में,
राम मिलण री आशा॥
हे भोळी निद्रा! मेरे पास तुम्हारे रहने स्थान नहीं है।
मुझे तो मेरे श्री गुरुदेव के चरणों में प्रभु-दरसन की तड़प है।
तु कहीं और ही जाओ, मुझे तो भजन करने दो।
🎙️ प्रकाश गांधी Prakash Gandhi