🕉️🎯👌🏻श्री हरिपुरुषाय नमः🌍🫂 

Nato nam ko ji mhasu tanak Meera bai 

नातो  नाम  को  जी  म्हांसूं तनक न तोड्यो जाय॥


पानी  ज्यूं  पीली  पड़ी रे, लोग  कहैं  पिण्ड  रोग। 

छाने  लांघण  म्हें  किया  रे, राम  मिल के  जोग॥


बाबल बैद बुलाइया रे, पकड़ दिखाई  म्हांरी बांह। 

मूरख बैद मरम नहिं जाणे, कसक  कलेजे  मांह॥


जा  बैदां, घर  आपणे  रे, म्हांरो  नांव   न  लेय। 

मैं  तो  दाझी बिरह की रे, तू काहे कूं  दारू देय॥


मांस गल गल छीजिया रे, करक रह्या गल आहि। 

आंगलिया री मूदड़ी (म्हारे) आवण  लागी बांहि॥ 


रह रह  पापी  पपीहड़ा रे, पिव को नाम  न लेय। 

जै कोई बिरहण साम्हले, पिव कारण जिव  देय॥ 


खिन मंदिर खिन आंगणे रे खिन खिन ठाड़ी होय

घायल ज्यूं घूमूं खड़ी, म्हारी ब्यथा  न बूझै कोय॥ 


काढ़  कलेजो  मैं  धरू  रे, कागा  तू  ले  जाय। 

ज्यां  देसां  म्हारो  पिव  बसै रे, वे देखै तू खाय॥


म्हारे  नातो  नांव को  रे, और  न  नातो  कोय। 

मीरा  ब्याकुल  बिरहिणी रे, दरसण दीजो मोय॥