🕉️🎯👌🏻श्री हरिपुरुषाय नमः🌍🫂
Nazron Se Dekh Pyaare Brahmanand
नजरों से देख प्यारे, क्या रूप है तुम्हारा।
अपने को भूल तन में बाहिर फिरे गंवारा॥
कर में कंगण छिपावे, ढूढन को दूर जावे।
फिर के समीप पावे, मन में करो बिचारा॥
मृग नाभि में सुगन्धी, सूंघे वो घास गन्दी।
दुनिया सभी है अंधी, समझे नहीं इशारा॥
जिमि दूध के मथन से मिलता है घी जतन से
तिमि ध्यान की लगन से, परब्रह्म ले निहारा॥
जड़ जान देह सारी, क्षणभंगुर है दुःखकारी।
ब्रह्मानन्द निर्विकारी, चेतन स्वरूप न्यारा॥
🚩निरंजनी अद्वैत आश्रम, भाँवती🥀
🎙️बालकिशोर राम Balkishor Ram