🕉️👌🏻श्री हरिपुरुषाय नमः🌍🫂

Na yu ghanshyam tumko dukh se Bindu 

न  यूँ  घनश्याम  तुमको  दुःख  से  घबराकर छोडूंगा।

जो छोडूंगा  तो  कुछ  मैं भी तमाशा कर के छोडूंगा॥


अगर था छोड़ना मुझको तो फिर क्यों हाथ पकड़ा था।

जो अब छोड़ा तो मैं जाने न क्या-क्या करके छोडूंगा॥


मेरी   रुस्वाइयां   देखो!  मजे   से   शौक  से  देखो।

मैं  भी  तुम्हें  सरे  बाजार  रुसवा  कर  के  छोडूंगा॥


तुम्हें  है  नाज  यह  बेदर्द   रहता  है  हमारा  दिल।

मैं  उस  बेदर्द  दिल  में  दर्द  पैदा  कर के  छोडूंगा॥


निकाला तुमनेअपने दिल के जिस घर से उसी घर पे,

अगर दृग बिन्दु जिंदा है तो कब्जा करके छोडूंगा॥