🕉️🎯👌🏻श्री हरिपुरुषाय नमः🌍🫂
Na Jane Tera Saheb Kaisa Kabeer
ना जाने तेरा साहेब कैसा है
मस्जिद भीतर मुल्ला पुकारे,
क्या साहेब तेरा बहरा है।
चींटी के पग नुपुर बाजे,
तो भी साहेब सुनता है॥
पण्डित होके आसन मारे,
लम्बी माला जपता है।
अन्तर तेरे कपट कन कीच,
सो भी साहेब लखता है॥
ऊँचा नीचा महल बनाया,
गहरी नींव जमाता है।
चलने का मंसूबा नाहीं,
रहने का मन करता है॥
कौड़ी कौड़ी माया जोड़ी,
गाड़ी भूमि में धरता है।
जहि लेना हैं सो ले जईहें,
पापी बही बही मरता है॥
सतवन्ती को गज मिले नहीं,
वेश्या पहिने खासा है।
जेहिं घर साधु भीख न पावे,
भड़वा खात बताशा है॥
हीरा पायी परख नहीं जाने,
कौड़ी परखन करता है।
कहत कबीर सुनो भाई साधो,
हरी जैसे को तैसा है॥
🎙️हेमन्त चौहान Hemant Chauhan
🎙️रामस्वरूप भोपा Ramswaroop Das