🕉️🎯👌🏻श्री हरिपुरुषाय नमः🌍🫂
Dhanguru Hame Tumhari Aasha
कल्याण भारती Kalyan Bharti lyrics
धन गुरु हमें तुम्हारी आसा।
तारण तरण अभय पद दाता,
तुम स्वामी हम दासा॥
बाजीगर ने बाग लगाया,
नैनां किया तमाशा।
जल को बून्द से पिंड बनाया,
भीतर मेली श्वांसा॥
देह में रोम, रोम में चमड़ी,
चमड़ी में है मांसा।
मांस में हाड़, हाड़ में गुदा,
गुद में बिन्द प्रकाशा॥
बिन्दु में पवन पवन में प्राणा,
प्राणा में पुरुष निवासा।
बोलत आप और और न दूजा,
रोम-रोम में बासा॥
यह सब खेल रचा धनगुरु ने,
मन धरिया विश्वासा।
कल्याण भारती सन्ता के शरणे,
सत सोऽहं प्रकाशा॥