🕉️🎯👌🏻श्री हरिपुरुषाय नमः🌍🫂
Thare ghat me biraje bhagwan bhawaninath ji
थारे घट में बसे रे भगवान, मंदिर में काँई ढूंढ़ती फिरे।
थारा घट में बिराजे भगवान, मंदिर में कांई हेरती फिरे॥
मूरत कोर मन्दिर में मेली, वा मुख से नहीं बोले।
दरवाजे दरबान खड्या है, बिना हुक्म नहीं खोले॥
गगन मण्डल से गंगा उतरी, पाँचू कपड़ा धोले।
बिन साबुन तेरा मैल कटेगा, हरभज निर्मल होले॥
सौदागर से सौदा कर ले, जँचता मोल करालै।
जे तेरे मन में फर्क आवेतो, घाल तराजू में तोले॥
नाथगुलाब मिल्या गुरु पूरा दिल का पर्दा खोले।
भवानीनाथ शरण सद्गुरु की राई कै पर्वत ओलै॥