🕉️🎯👌🏻श्री हरिपुरुषाय नमः🌍🫂 

Tum gunvant Main Augun bhari Sahjo Bai 

तुम  गुनवंत  मैं  औगुन  भारी।

तुम्हरी ओट खोट बहु कीनै, पतितउधारन लालबिहारी॥


खान पान बोलत अरु डोलत, पाप करत है देह हमारी।

कर्म विचारौ तौ  नहिं  छूटों, जो बूटों तो दया तुम्हारी॥


मैं अधीन मायाबस हो करि, तुव सुधोन माया सूं न्यारे।

मैं अनाथ तुम नाथ गुसांई, सब जीवन के प्रान पियारे॥


भवसागर में डर लागत मोहिं, तारौ बेगहि पार उतारी।

चरनदास गुरु किरपा सेती, सहजो बाई सरन तिहारी॥