🕉️🎯👌🏻श्री हरिपुरुषाय नमः🌍🫂 

Tune heera ganwaya mati ke mol rajesh

कितना खोया कितना पाया तोल सके तो तोल।

तूने  हीरा  गँवाया, माटी  के  मोल॥


बिरहन क्यों उलझी झंझट में तेरा पिया है तेरे घट में,

कह गये  दास कबीर  देख  ले, घूँघट के पट खोल॥


पीकर प्रेम सुधारस प्याली बोल उठी मीरा मतवाली,

राम  रतन  धन  पायो, सद्गुरु ने दी वस्तु अनमोल॥


बिनु भगवंतभजन पछितायो रे मन मूर्ख जन्म गँवायो,

गूँज  रहे  जन-जन  के  मन  में, सूरदास  के  बोल॥


अबतो चेत अरे अभिमानी गूंज रही तुलसी की वाणी,

भाय  कुभाय  अनघ  आलसु, नाम  प्रभु  का बोल॥


श्री चैतन्य कृष्ण मतवाले, डोल डोल कर द्वारे द्वारे,

हरि बोल  का  अलख  जगाये, बजा मँझीरे ढोल॥


क्षणभंगुर संसार विनाशी सार कह्यो सद्गुरु अविनाशी,

जन राजेश  सुमिर  हरि  को, जी चाहे  जहाँ डोल॥