🕉️🎯👌🏻श्री हरिपुरुषाय नमः🌍🫂
Tu Dayalu Deen Hau Tulsidas lyrics
तू दयालु, दीन हौं, तू दानी, हौं भिखारी।
हौं प्रसिद्ध पातकी, तू पाप पुञ्जहारी॥
तुलसीदास भगवान् की भक्तवत्सलता व दयालुता का दर्शन करा रहे हैं। भगवान् से बड़ा और दानी कौन हो सकता है।
हे नाथ ! आप दीनों पर दया करने वाले है, तो मैं दीन हूँ। आप अतुलदानी है, तो मैं भिखमङ्गा हूँ। मैं प्रसिद्ध पापी हूँ, तो आप पाप-समूह का नाश करने वाले हैं।
जिस भिखारी ने आपसे माँग लिया, वह फिर कभी भिखारी नहीं कहलाया। (वह तो परम नित्य सुखको प्राप्त कर सदा के लिए तृप्त और अकाम हो गया) आपके इसी भाव-शील का सुन्दर यश सुनकर यह दास आपसे भीख माँगने आया है।
नाथ तू अनाथ को, अनाथ कौन मोसो।
मौं समान आर्त नहीं, आरति हर तोसो॥
आप अनाथों के नाथ है, तो मुझ-जैसा अनाथ भी और कौन है? मेरे समान कोई दुःखी नहीं है और आपके समान कोई दुःखों को हरने वाला नहीं है।
ब्रह्म तू, जीव हौं, तू ठाकुर, हौं चेरो।
तात मात गुरु सखा, तू सब विधि ही मेरो॥
आप ब्रह्म है, मैं जीव हूँ। आप स्वामी है, मैं सेवक हूँ। अधिक क्या, मेरा तो माता, पिता, गुरु, मित्र और सब प्रकार से हितकारी आप ही है।
तोहि-मोहि नाते अनेक, मानिए जो भावे।
ज्यो त्यों तुलसी कृपालु,चरण शरण पावे॥
मेरे-आपके अनेक नाते हैं; नाता तुझे जो अच्छा लगे, वही मान ले। परन्तु बात यह है कि हे कृपालु! किसी भी तरह यह तुलसीदास (मैं) आपके चरणों की शरण पा जावे।
विनय-पत्रिका तीनों काल सर्वत्र यही प्रसिद्ध है और यही चारों वेद कह रहे हैं कि आदि, मध्य और अन्त में। हे रामजी! सदा आपकी ही एक-सी प्रभुता है। आपने पाषाण (अहल्या), पशु (बन्दर-भालू), वृक्ष (यमलार्जुन) और पक्षी (जटायु, काक-भुशुण्डि) तक को अपना लिया है। आपने नीच रंको को राजा बना दिया है।आप गरीबों को निहाल करने वाले हैं और मैं आपका गरीब गुलाम हूँ। हे कृपालु ! (इसी नाते) एक बार यही कह दीजिए कि तुलसीदास मेरा है।
🎙️अनूप जलोटा Anoop Jalota
🎙️राजन साजन Rajan Sajan
🎙️अनुराधा पौडवाल Anuradha Paudwal