🕉️👌🏻🎯श्री हरिपुरुषाय नमः🌍🫂
Thahri Nahi Ye Umra Bhi Dhalti Rajesh
ठहरी नहीं ये उम्र भी, ढलती चली गई।
आदत पुरानी लीक पे, चलती चली गई॥
हम चाहते थे होवे हरि की उपासना।
दिन रात मगर वासना, छलती चली गई॥
दुनियाँ में दिखा सबकुछ लेकिन मिला न कुछ,
बेबस जवानी भी हाथ मलती चली गई॥
सोचा था सँभल जायेंगे सुधरेगें मगर फिर,
गलती पर होती गलती, गलती चली गई॥
राजेश्वर श्री राम की, जिन पे हुई कृपा,
केवल उन्हीं की जिन्दगी, फलती चली गई॥