🕉️🎯👌🏻श्री हरिपुरुषाय नमः🌍🫂 

Jiyra ram bhajan kar leeje Dadudayal 429

दादू नमो नमो निरंजनं, नमस्कार गुरुदेवतः।

वन्दनं   सर्व    साधवाः, प्रणामं   पारंगतः॥

परब्रह्म  परात्परं  सो  मम  देव  निरंजनम्।

निराकारं   निर्मलं   तस्य   दादू   वन्दनम्॥


जियरा  राम  भजन  कर  लीजै।

साहिब लेखा माँगेगा रे उत्तर कैसे दीजै॥

 

आगै  जाइ   पछतावन  लागो, 

पल पल यह तन छीजै। 

तातैं  जिय  समझाइ  कहूँ  रे, 

सुकृत  अब  तैं  कीजै॥


राम जपत  जमकाल  न लागै, 

संग  रहें   जन  जीजै। 

दादू  दास  भजन कर  लीजै, 

हरिजी की रास रमीजै॥ 


उपदेश द्वारा सावधान कर रहे हैं-अरे मन ! शरीर के ठीक रहते २ ही राम का भजन कर ले, फिर न होगा। जब प्रभु तेरे से जीवन का हिसाब माँगेंगे तब बिना भजन किये उन्हें कैसे उत्तर देगा ? कारण-तू गर्भ में उनके आगे भजन करने की प्रतिज्ञा करके आया था। यह शरीर क्षण २ में क्षीण हो रहा है, आगे वृद्धावस्था में जाकर तू पश्चात्ताप करने लगेगा, इसीलिये हे मन ! तुझे समझाकर कह रहा हूँ, तू अभी से भजनादि सुकृत कर ले। राम नाम जपने से यम और काम का जोर जापक पर नहीं लगता। भक्त भगवान् के साथ अभेद भाव से रह कर जीवित रहता है। मेरी बात मान कर भजन द्वारा उन प्रभु को प्राप्त कर लो। उन हरि की शरण में रह कर उनके साथ अभेद स्थिति का आनन्दानुभव रूप रास खेल।