🕉️🎯👌🏻श्री हरिपुरुषाय नमः🌍🫂
Jab Apne Hi Ghar Me Khuda Ho
जब अपने ही घर में खुदाई हो,
काबे का सिजदा कौन करे?
जब दिल में ख्याले सनम हो नबी,
फिर गैर की पूजा कौन करे?
तू बर्क गिरा मैं जल जाऊँ,
तेरा हूँ तुझमें मिल जाऊँ।
मैं करूँ खता और तुम बख्शो,
वह रोज का झगड़ा कौन करे?
हम मस्त हुए बे वायदा पिये,
साकी की नजर के सदके ये।
अंजाम की जाने कौन खबर,
पी लिया तो तौबा कौन करे?
आबाद हो या बर्बाद करें,
अब उनकी नजर पर छोड़ दिया।
उनका था उनको सौंप दिया,
दिल देके तकाजा कौन करे?
मेरे दिल में अजल से कुण्ड भरे,
पी लूँ जब चाहूँ भर भर के।
बिन पिए मैं मस्ती में चूर रहूँ,
मयखाने की परवाह कौन करे?
तू सामने आ मैं सिजदा करूँ,
फिर लुत्फ है सिजदा करने का।
मैं और कहीं तू और कहीं,
यह नाम का सिजदा कौन करे?