🕉️🎯👌🏻श्री हरिपुरुषाय नमः🌍🫂
'सुन्दर' सद्गुरु बंदिए, सोही वन्दन जोग।
औषध शब्द पिलाय के, दूर किये भवरोग॥
गुरु मूर्ति मुख चकोर, सेवक नैन चकोर।
अष्ट प्रहर निरखत रहूँ, गुरु चरनन की और॥
गुरु को कीजै दण्डवत, कोटि कोटि प्रणाम।
कीट न जाने भृंग को, गुरु करे आप समान॥
गुरु महिमा अनन्त है, अनंत किया उपकार।
लोचन अनंत उघाड़िया, अनंत दिखावनहार॥
नमो नमो गुरुदेव जी, सत स्वरूपी देव।
आदि अन्त गुण काल के, जाननहारे भेव॥
भक्ति दान मोहे दीजिए, गुरु देवन के देव।
और कछु जानू नहीं, निसदिन तुम्हरी सेव॥
Jag Me Guru Jaisa Nahi Meet
जग में गुरु जैसा नहीं मीत।
जाके संग मिटे सब संसय, स्थिर होवे चीत॥
गुरु के संग प्रकासे आतम, टूटे तन की भीत।
जाके संग वासना नासै, होवे मन परतीत॥
सद्गुरु संग मिटे दुर्बुध्दि, उपजै निर्मल रीत।
जाके संग नित मन भावे, नासै सकल अनीत॥
ज्ञानी गुरु संग ज्ञान प्रकासै, नासै जग की प्रीत।
जाके संग कुभाव विनासे, उपजे सत परतीत॥
समर्थ संग कामना पूरण, निर्भय होय अजीत।
ऐसे सज्जन सद्गुरु पूरण, हियमें आओ चीत॥
🚩निरंजनी अद्वैत सेवा आश्रम भाँवती🥀
राग जोग Raag Jog
🎙️रामचन्द्रजी गोयल Ramchandra Goyal