🕉️श्री हरिपुरुषाय नमः🌍🫂
Jag piyari ab ka sove Kabeer
जाग पियारी अब का सोवे।
रैन गई दिन काहे को खोवे॥
जिन जागा तिन मानिक पाया।
तें बौरी सब सोय गँवाया॥
पिय तेरे चतुर तू मूरख नारी।
कबहुँ न पिय की सेज सँवारी॥
तें बौरी बौरापन कीन्हों।
भर जोबन पिय अपन न चीन्हों॥
जाग देख पिय सेज न तेरे।
तोहि छाँड़ि उठि गये सबेरे॥
कहत कबीर सोई धन जागे।
शब्द बान उर अंतर लागे॥