🕉️🎯👌🏻श्री हरिपुरुषाय नमः🌍🫂
Jaake Priya Na Ram Baidehi
Tulsidas Bhajan तुलसीदास भजन
जाके प्रिय न राम - बेदैही।
तजिये ताहि कोटि बैरी सम,
जदपि परम सनेही.................
जिसे श्री राम-जानकी जी प्यारे नहीं उसे करोड़ों शत्रुओं के समान छोड़ देना चाहिए, चाहे वह अपना अत्यंत ही प्यारा क्यों न हो।
तज्यो पिता प्रहलाद, बिभीषन बंधु
भरत महतारी।
बलि गुरु तज्यो कंत ब्रज-बनितन्हि
भये मुद-मंगलकारी॥
प्रह्लाद ने अपने पिता (हिरण्यकशिपु) को, विभीषण ने अपने भाई (रावण) को और ब्रज-गोपियों ने अपने-अपने पतियों को त्याग दिया, परंतु ये सभी आनंद और कल्याण करने वाले हुए।
नाते नेह राम के मनियत
सुहृद सुसेब्य कहौं कहाँ लौं
अंजन कहा आँखि जेहि फूटै
बहुतक कहौं कहाँ लौं............
जितने सुहृद् और अच्छी तरह पूजने योग्य लोग हैं, वे सब श्री रघुनाथ जी के ही संबंध और प्रेम से माने जाते हैं, बस अब अधिक क्या कहूँ। जिस अंजन के लगाने से आँखें ही फूट जाएँ, वह अंजन ही किस काम का?
तुलसी' सो सब भाँति परम हित
पूज्य प्रानते प्यारो।
जासों होय सनेह राम - पद
एतो मतो हमारो॥
तुलसी कहते हैं कि जिसके संग या उपदेश में श्री रामचंद्र जी के चरणों में प्रेम हो, वही सब प्रकार से अपना परम हितकारी, पूजनीय और प्राणों से भी अधिक प्यारा है। हमारा तो यही मत है।
🚩 श्री निरंजनी अद्वैत आश्रम भाँवती 🙏🏻
🎙️वीणा सहस्रबुद्धे Veena Sahasrabuddhe
राग बागेश्वरी Raag Bageshwari