🔥🎯👌🏻श्री हरिपुरुषाय नमः🌍🫂
Jo Jan Le Khasam Ka Naon
Kabeer Bhajan कबीर भजन
कबीर सुपनेहु बरड़ायक, जे मुख निकसे राम।
ताके पग की पानही(जूती), मेरे तन को चाम॥
जो जन ले खसम का नाऊँ(नाम)॥
तिनकै सद बलिहारै जाऊँ॥
सो निर्मल निर्मल हरिगुन गावै॥
सो भाई मेरे मन भावै॥
जै घट राम रहिआ भरपूर॥
तिनकी पग पंकज हम धूर॥
जात जुलाहा मति का धीर॥
सहज सहज गुण रमै कबीर॥
'कबीर' मेरी जात को, सब कौ हँसनेहार।
बलिहारी इस जात को (जै) जपियो सिरजनहार॥
🚩श्री निरंजनी अद्वैत आश्रम भाँवती🙏🏻
🎙️ सतविंदर सिंह Satwinder Singh