🕉️🎯👌🏻श्री हरिपुरुषाय नमः🌍🫂
Je Gur Jhirke Ta Meetha Lage
Nanak Gurbaani नानक गुरबानी
जे गुर झिड़के त मीठा लागै।
जे बख्शे त गुर बड़आई॥
यदि मेरे गुरुदेव मुझे किसी बात पर डाँटते है तो वह फटकार मुझे बड़ी मीठी लगती है। यदि मुझे क्षमा कर देता है तो यह गुरु का बड़प्पन है।
गुरमुख बोले सो थाइ पाए।
मनमुख किछु थाइ न पाई॥
गुरुमुख जो बोलता है, वह प्रभु को स्वीकार हो जाता है, लेकिन स्वेच्छाचारी मनुष्य की वाणी स्वीकार नहीं होती।
पाला कंकर बर्फ बरसै।
गुरसिख गुरु देखण जाई॥
यदि भयंकर शीत, कोहरा एवं बर्फ ही पड़ती हो तो भी गुरु का शिष्य सद्गुरु के दर्शन करने जाता है।
सब दिनस रैन देखो गुर अपुना।
बिचि अँखि गुर पैर धराई॥
मैं रात-दिन गुरु को देखता रहता हूँ, अपनी आँखों में गुरु के चरण बसाकर रखता हूँ।
अनेक उपाय करि गुर कारण।
गुर भावै सो थाइ पाई॥
मैं अपने गुरु को खुश करने के लिए अनेक उपाय करता रहता हूँ, लेकिन जो गुरु को अच्छा लगता है, उसे वही मंजूर होता है।
रैन-दिन गुर चरण अराधी
दया करो मेरे सांई॥
हे मेरे मालिक ! मुझ पर ऐसी दया करो कि मैं दिन-रात गुरु के चरणों की आराधना करता रहूँ।
नानक का जिओ पिंड गुरु है।
गुर मिल तृप्त अघाई॥
गुरु ही नानक का जीवन एवं शरीर है और गुरु को मिलकर ही वह तृप्त एवं सन्तुष्ट होता है।
नानक का प्रभु पूरि रहिओ है।
जत कत तत गोसाईं॥
नानक का प्रभु हर जगह मौजूद है, वह सृष्टि के कण-कण में व्याप्त है।
🚩श्री निरंजनी अद्वैत आश्रम भाँवती🙏🏻
🎙️सतविंदर सिंह Satwinder Singh