🕉️🎯👌🏻श्री हरिपुरुषाय नमः🌍🫂
Jo Koi Ya Vidhi Preet Lagave Kabeer
जो कोई या विधि प्रीत लगावे।
गुरु का नाम ध्यान ना छूटै,
प्रगट ना गुहराने॥
कर्म सुतन को धरते ऊँचे,
आप उदर को धावै।
निशदिन सुरत रहै अंडन पर,
पलभर ना विसरावै॥
जैसे चातक रटे स्वाति को,
सरिता निकट न आवै।
दीन दयाल लगन हितकारी,
स्वाति जल पहुँचावे॥
फुटि सगन्ध कंज के जैसे,
मधुकर के मन भावे।
ह्वै गइ साँझ बन्धि गौ सम्पुट,
ऐसी भक्ति कहावे॥
जैसे चकोर शशि तन निरखै,
तन की सुधि विसरावे।
शशि तन रहत एक टक लागो,
तब शीतल रस पावै॥
ऐसी युक्ति करै जो कोई,
तब सो भक्त कहावे।
कहत कबीर सद्गुरु की मूरति,
तिहि प्रमु दरश दिखावे॥