🕉️🎯👌🏻 श्री हरिपुरुषाय नमः 🌍 🫂
Chal Hansa Un Desh Bhawaninathji
चल हंसा उन देश, समंद जहाँ मोती रे॥
चल हंसा उस देश निराला,
बिन शशि भान रहे उजियारा।
लगे न चोट काल की, जगामग ज्योति रे॥
जब चलने की करी तैयारी,
माया जाल फँस्या अतिभारी।
कर ले सोच विचार, घड़ी दोय होती रे॥
चाल पड्या जब दुविधा छूटी,
पिछली प्रीत कुटुम्ब से टूटी।
हंसा भरी उड़ान, हंसिनी रोती रे॥
जाय किया समंदर में बासा,
फेर नहीं आवण की आशा।
गावे भवानीनाथ, मौत सिर सोती रे॥