🕉️🎯👌🏻श्री हरिपुरुषाय नमः🌍🫂
चलि मन ढूँढ़न जाइए, सद्गुरु के छौना।
सिर के साटें पाइए, ये राम खिलौना॥
प्रेम जंजीर जराय के, गहि राखो भाई।
इन संतन के मोह तें, मिलि हैं रघुराई॥
कृष्ण कृष्ण नित पढ़त हैं, सुचि तें चित लागें।
पाइँ टिकें नहीं पाप के, सबहिं दुख भागें॥
कहत मलूक सब छाँङि कै, गहि लै यह हाला।
जोइ जोइ मूरति सन्त की, सोइ देखि गुपाला॥