🕉️🎯👌🏻श्री हरिपुरुषाय नमः🌍🫂
Ghoonghat Ke Pat Khol Re Kabeer
घूंघट के पट खोल रे,
तोको पीव मिलेंगे॥
घट घट में वह साईं रमता,
कटुक बचन मत बोल रे॥
धन जोबन का गर्व न कीजै,
झूठा पचरंग चोल रे॥
शून्य महल में दियना बारिले,
आसन से मत डोल रे॥
जोग जुगत से रंग महल में,
पिय पायो अनमोल रे॥
कहत कबीर आनन्द भयो है,
बाजत अनहद ढोल रे॥
🎙️कविता कृष्णमूर्ति Ka ita Krishnamurthy