🕉️🎯👌🏻श्री हरिपुरुषाय नमः🌍🫂 

Gwalini rachi hari ke rang Malook Das 

ग्वालिनी  राँची  हरि  के  रंग। 

देह सुरति  सब बिसरी, मग्न  ध्यान  किए  अंग॥


 प्रेम  मग्न  ग्वालिन  भई, हरि को  रूप  निहार। 

इत उत ते फिरी आई कै, फिरी  आवै  नन्द द्वार॥


 निसवासर  चितवत चलत, टरै न चित्त तै ध्यान। 

डोले  दधि   मटुकी   लिए, बोलै  लै  लै  कान्ह॥ 


प्रेम  कथा  अति  अटपटी, कैसे कै  कहि  जाई। 

मलूक मिलै रविकिरन ज्यों, त्यों रही रूप समाई॥