🕉️🎯👌🏻श्री हरिपुरुषाय नमः🌍🫂
Guruji main to ek Niranjan Dhyau ji
गुरुजी मैं तो एक निरंजन ध्याऊँ जी।
दूजे के संग नहीं जाऊँ जी॥
गंगा न जाऊँ जी मैं जमना न जाऊँ जी।
मैं ना कोई तीरथ नहाऊँ जी,
अड़सठ तीरथ हैं घट भीतर।
वाही में मल मल नहाऊँ जी॥
पत्ती न तोडूं जी न पत्थर न पूजूं जी।
मैं ना कोई देवल जाऊँ जी।
बन बन की मैं लकड़ी न तोडूँ,
ना कोई झाड़ सताऊँ जी॥
दुःख न जानूँ जी मैं दर्द न जानूँ जी मैं।
ना कोई वैद्य बुलाऊँ जी,
सदगुरु वैद्य मिले अविनाशी।
वाको ही नाड़ी बताऊँ जी॥
कहे गोरख जी हो सुन हो मच्छन्दर मैं।
ज्योत में ज्योत मिलाऊँ जी।
सद्गुरु के मैं शरण गये से,
आवागमन मिटाऊँ जी॥