🕉️🎯👌🏻श्री हरिपुरुषाय नमः🌍🫂
Guru bin hori kaun khelave kayam
त्रिविध सूल होली जलै, खेलिये अस फाग।
जौं जिय चहसि परमसुख, तौ एहि मार्ग लाग॥
गुरु बिनु होरी कौन खिलावै।
कोई पन्थ लगावै॥
करै कौन निर्मल या जीको,
माया मन तें छुड़ावै।
फीको रंग जगत के ऊपर,
पीको रंग चढ़ावै॥
लाल-गुलाल लगाय हाथ सों,
भर्म अबीर उड़ावै।
तीन लोक की माया फूँकके,
ऐसी फाग रमावै॥
हरि हेरत मैं फिरति बावरी,
नैननि में कब आवै।
हरि को लखि कायम रसिया,
सों काहे न धूम मचावै॥