🕉️🎯👌🏻श्री हरिपुरुषाय नमः🌍🫂
Guru Darshan Bhagwan ka darshan
कव्वाली लिरिक्स Qawwali Lyrics
भीख फकीरी कठिन है, पनिहारिन से सीख।
जैसे बातें करती सखी से ध्यान गगर के बीच॥
भीखा गुरु ऐसा चाहिए, जो दुःखे दुःखावे नाहि।
फूल पात को हाथ ना, रहे बगीचा मांहि॥
गुरु दर्शन भगवान का दरसन
सिफ़त में ज़ात समाई रे
गुरु बिन ज्ञान नहीं भई साधो
गुरु ने बात बताई रे
परमेश्वर से गुरु बड़े, तुम पढ़ लो वेद कुरान।
शेख फरीद यूँ कहे बिन पीर के क्यूँ भगवान?
मुर्शद (गुरु) तेरी सूरत सूरत रब दी है,
अशरफ तू छक के पी लेना
आ पहुंची मैं लब्दी लब्दी।
तोहे छड़के मैं काबा किंवे जांवा,
के तुझमे है रब दिखदा॥
गुरु गोविन्द दोऊ खड़े, काके लागूं पाय।
बलिहारी गुरु आपने, गोविंद दियो मिलाय॥
अगर जे मुर्शद से इश्क ना हो
फिर नमाजों से क्या मिलेगा।
तू कर ले मुर्शद से इश्क पैदा
इसी शक्ल में खुदा मिलेगा॥
गुरु ईश्वर में फ़र्क़ न जानो,
गर ईश्वर का ऐन ही जानो
गुरु सूरत भगवान की सूरत
गुरु पहचान कराई रे॥
हरदम ध्यान गुरु में रखना
सर को रखना चरणों में
गुरु कृपा का पी जल अमृत
तेरे क़ल्ब की होय सफ़ाई रे
कर ले दिल की सफाई जे दीदार चाहिदा।
तू जहां तू की लेना, तैनू यार चाहिदा॥
सब संतन का ये ही कहना,
हो के गुरु के ही रहना
हो के रहे जो गुरु का सोई,
भगति उस ने पाई रे॥
गुरु का जाप जपे जा हरदम,
राम जपे फिर जाप तेरा
करता जा गुरु की पूजा,
पूजे तोहे ख़ुदाई रे
ना माला फेरूँ ना कंठ जपूँ,
ना मुख से बोलूँ राम।
राम हमारा हमहि जपे,
हम करे विश्राम॥
'भीखा' भजन गुरु के गाइए
गुरु राज़ी रब राज़ी रे।
गुरु रूठे नहीं ठौर जगत में
रूठे सभी ख़ुदाई रे॥
🚩निरंजनी अद्वैत आश्रम, भाँवती🥀
🎙️ फैयाज शाह Faiyaz shah