🕉️🎯👌🏻श्री हरिपुरुषाय नमः🫂🌍 

Gun dosh se drishti hatakar Rajeshwaranandji 

गुण दोष  से  दृष्टि  हटाकर, जग  राम  सियामय  देखो। 

मन  में   विश्वास  जमाकर, जग  राम  सियामय  देखो॥


है  अनेक  में  एक  का  होना, जैसे  आभूषण  में  सोना,

इसलिए गुरुज्ञान का दीप जलाकर जग रामसियामय देखों।


वही  दृश्य  है  वही  है दृष्टा, वही  सृष्टि है  वही  है सृष्टा,

इसीलिए समता का भाव जगाकर, जग रामसियामय देखों।


जड  चेतन  सब का  तन  धारे, प्रकटे  सीताराम  हमारे,

इसलिए प्रभु प्रेम में अश्रु बहाकर, जग रामसियामय देखो।


अपने अमित रूप प्रकटायें, वही है छुपकर सामने आयें,

इसलिए सत्संग की गंग नहाकर, जग रामसियामय देखों।


जन राजेश तजो मनमानी, सियराममय सब जग जानी,

इसीलिए तुलसी की वाणी गाकर, जग रामसियामय देखों।