🕉️🎯👌🏻श्री हरिपुरुषाय नमः🌍🫂
Kahaan Mere E Dil Liye Ja Raha
Swami Ramteerth स्वामी रामतीर्थ
कहाँ मेरे ऐ दिल लिए जा रहा है।
ये हालत मेरी क्या किए जा रहा है॥
कहना भी चाहूँ तो कुछ कह न पाऊँ।
दर्द ए दिल में क्या है ये कैसे बताऊँ।
ये भीतर ही भीतर मुझे खा रहा है॥
बड़े चाव से जो बनाये थे नाते।
भूला हूँ सब अब नहीं याद आते।
अकेले ही रहना मुझे भा रहा है॥
अरे दुनिया वालों मुझे तुम ना टोको।
नाहीं आगे बढ़ने से तुम मुझे रोको।
जानो ना तुम क्या मज़ा आ रहा है॥
हूँ उन्मुक्त पंछी मैं खुले गगन का।
न मुझको भरोसा है झूठे चमन का।
लो अब ये पंछी उड़ा जा रहा है॥
आँखें हैं बन्द पर अंधेरा नहीं है।
यकीन मान असल तेरा यही है।
यहाँ आने में क्यों तू घबरा रहा है॥
कभी सोचता हूँ कि चुप होके बैठू।
कभी सोचता हूँ कि मस्ती में नाचूँ।
करुँ क्या ना कुछ समझ आ रहा है॥
वहाँ जा रहा हूँ जहाँ कुछ नहीं है।
कुछ नहीं होते सब कुछ यही है।
रहस्य ये प्रगटित हुए जा रहा है॥
अरे आँसुओं तुम क्या बह रहे हो।
लगता है चुपके से कुछ कह रहे हो।
मैं समझा विरह तू तड़पा रहा है॥
कहोगे यहीं तुम अजब है ये पागल।
कह लो मगर चीर के देखो मेरा दिल।
ये पागलपन कितना रास आ रहा है॥
सब घट मेरा सांइयां,सूनी सेज न कोय।
बलिहारी उस घट की जा घट प्रगट होय॥
🚩 श्री निरंजनी अद्वैत आश्रम भाँवती🙏🏻
🎙️जे.एस.आर मधुकर JSR Madhukar