🕉️🎯👌🏻श्री हरिपुरुषाय नमः🌍🫂
Kaisa Tumhaara Karam Aaqa
कैसा तुम्हारा क़रम है आक़ा,
कि बात अभी तक बनी हुई है॥
किसी का एहसान क्यों उठायें,
किसी को हालात क्यों बतायें।
तुम्हीं से माँगेगे, तुम्हीं दोगे,
तुम्हारे दर से लौं लगी है ॥
मैं फकीरी में भी हूँ कितना कलंदर देखिए,
देखने वालो ज़रा मेरा मुकद्दर देखिए
ख़ता हुई तो ख़ता को भी छुपाया है तुमने,
क़रम अपना कर दिया अपना बनाया तुमने
हाय ! कैसे कटे उमरिया
आस ही आस में बीती जाये
हमरे नैन दरस बिन तरसे
बालम तुम बिन कछु न सुहाये
तोरी प्रीत के कारण हाय!
मोसे रूठे अपने पराये
सब जग रूठे तुम ना रुठियो।
रुठियो तो गज़ब होय जाये॥
नमामि शमीशान निर्वाणरूपं।
विभुं व्यापकं ब्रह्म वेदस्वरूपं॥
निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरींह। चिदाकाशमाकाशवासंभजेऽहं॥
हे ईशान ! मैं मुक्तिस्वरूप, समर्थ, सर्वव्यापक, ब्रह्म, वेदस्वरूप, निज स्वरूप में स्थित, निर्गुण, निर्विकल्प, निरीह, अनन्त ज्ञानमय और आकाश के समान सर्वत्र व्याप्त प्रभु को प्रणाम करता हूँ।
🚩श्री निरंजनी अद्वैत आश्रम भाँवती🙏🏻
🎙️ अबिदा परवीन ग़ज़ल Abida Parveen
🎙️ ओस्मान मीर Osman Mir Ghazal