🕉️👌🏻🚩श्री हरिपुरुषाय नमः🌻🥀
कहता पर करता नहीं, मुख का बड़ा लबार।
काला मुँह ले जाएगा, साहिब के दरबार॥
Kaiyug Mein Rahni Ke Bahut Mazoor
दास सतार Das Sataar Bhajan lyrics
कलियुग में कहनी के बहुत मजूर।
जाने नहीं कै रहनी बिना घर दूर॥
शूरवीर होय ते सन्मुख लड़ेने,
कायर भागे दूर।
प्रेम पियाला कोई मरजीवा पीवे,
नित रहे चकचूर॥
काम क्रोध मद लोभ मोह के,
नाम पे डाल दे धूर।
पाँच को मार पच्चीस को वशकर,
मुख पर बरसे नूर॥
इस हंसा का क्या है भरोसा,
उड़ जावे ज्यूँ कपूर।
'दास सतार' भजो भय भञ्जन,
साहेब हाल हुजूर॥
🚩 जय श्री गुरु महाराज जी की 🙏🏻🥀
🎙️नारायण स्वामी Narayan Swami