🕉️🎯👌🏻श्री हरिपुरुषाय नमः🌍🫂
Kalyug Baitha Mar Kundli lyrics
कलयुग बैठा मार कुण्डली,
जाँऊ तो मैं कहाँ जाऊँ।
अब हर घर में रावण बैठा,
इतने राम कहा से लाऊँ॥
दशरथ कौशल्या जैसे मात-पिता,
अब भी मिल जाये,
पर राम सा पुत्र मिले ना जो,
आज्ञा ले वन जाये।
भरत लखन से भाई को अब,
ढूँढ कहाँ से में लाऊँ॥
जिसे समझते हो तुम अपना,
जड़े खोदता आज वही।
रामायण की बातें जैसे,
लगती है सपना कोई।
तब थी दासी एक मंथरा,
आज वही घर घर पाऊँ॥
🎙️मास्टर राणा Master Rana