🕉️🎯👌🏻श्री हरिपुरुषाय नमः🌍🫂
Kya Mangu Kuch Thir Na Rahai Kabeer
क्या माँगू कुछ थिर न रहाई।
देखत नैन चला जग जाई॥
लंका-सा कोट समुन्द-सी खाई।
ता रावण घर खबर न पाई॥
इक लख पूत सवा लख नाती।
ता रावण घर दीया न बाती॥
आवत संग न जात संगाती।
का हुआ दल बाँधे हाथी॥
कहे कबीर अन्त की बारी।
हाथ झाड़ ज्यों चले जुआरी॥
🚩अद्वैत सेवा संस्थान, भाँवती🥀
🎙️निर्मल सिंह Nirmal Singh