🕉️🎯👌🏻श्री हरिपुरुषाय नमः🌍🫂
Kya Bhooliya deewane Brahmanand
क्या भूलिया दीवाने, दुनिया में सार नाहीं।
दिन चार का तमाशा, आख़िर करार नाहीं॥
राजा वजीर रानी पण्डित, सुबीर ज्ञानी।
सब हो गये हैं फानी जिनका शुमार नाहीं॥
सूरज वा चाँद तारे, सागर पहाड़ भारे।
होवेंगे नाश सारे, तिनका आधार नाहीं॥
दुनिया से होय न्यारा सत्संग कर पियारा।
सुन ज्ञान का बिचारा, नरजन्म हार नाहीं॥
भवसिन्धु नीर भारी, हरि नाम पार तारी।
ब्रह्मानंद मोक्षकारी दिल से बिसार नाहीं॥