🕉️🎯👌🏻श्री हरिपुरुषाय नमः🌍🫂
Kaunse Mandir Jaau Sakhi Mansingh
कौनसे मन्दिर जाऊँ सखी!
मैं तो घट में ही कृष्ण मनाऊँ॥
आपही देव आप पुजारी,
आप आपमें ध्याऊँ।
अपनी सेवा करूँ आपसे,
और न दरसन पाऊँ॥
दसवें द्वार बिच मन्दिर सुन्दर,
ताके पट उघड़ाऊँ।
मूरत में निज सूरत दरसे,
ऐसो घट ठहराऊँ॥
आपही कृष्ण आप भयो गोपी,
निश्चय रास रचाऊँ।
द्वादश सो वृन्दावन कहिए,
इत उत ना भटकाऊँ॥
देवनाथ गुरु सहज स्वरूपी,
सहजै सहज समाऊँ।
गहे मानसिंह मिले अभयपद,
क्यों मैं बाहर जाऊँ॥
🚩श्री निरंजनी अद्वैत आश्रम भाँवती🙏🏻
🎙️रामचन्द्रजी गोयल Ramchandra Goyal