🕉️🎯👌🏻श्री हरिपुरुषाय नमः🌍🫂
Kaun Mua Re Kaun Nanak Gurbani
कौन मुआ रे! कौन मुआ।
ब्रह्मज्ञानी मिल करो बिचारा,
इह तो चलत भया॥
पवने में पवन समाया,
जोती में जोति रल जाया।
माटी माटी होई एक,
रोवनहारे की कवन टेक॥
अगली कछु खबर न पाई,
रोवनहार की उठि सिधाई।
भर्म मोह के बांधे बन्ध,
सुपन भया अकुलाए अंध॥
इह तो रचन रचिया करतार,
आवत जावत हुक्म अपार।
न कोउ मुआ न मरणै जोग,
न बिनसै अबिनासी होग॥
जो इह जानो सो इह नाहिं,
जानणहारे को बल जाओ।
कह नानक गुरु भर्म चुकाया,
ना कोई मरै न आवै जाया॥
🎙️जसकरण सिंह Jaskaran Singh