🕉️🎯👌🏻श्री हरिपुरुषाय नमः🌍🫂
Kaun jane kal ki jag me khabar Kabeer
कौन जाने कल की जग में खबर नहीं पल की।
तारामण्डल रवि चन्द्रमा और चराचर की।
चार दिनों के चमत्कार में, बिजली आ चमकी॥
कौड़ी कौड़ी माया जोड़ी, मोहब्बत मतलब की।
पाप की पोट धरी सिर पर, होवत ना हल्की॥
भाई बंधु कुटुंब कबीलो, है दुनियां मतलब की।
माया लोभ में नगर बसायो ये अपनी कब की॥
जब लग हंसा है काया में, तब लग मंगल की।
छोड़ चला जब हंसा देह को, माटी जंगल की॥
दया धर्मयुक्त साहिब सुमिरो, बात है नानकडी।
राग द्वेष अभिमान न राखो बिनंती नानक की॥
ये संसार रैन का सपना, ओस बूँद जल की।
कहत कबीर सुनो भाई साधो बातां सद्गुरु की॥