🕉️🎯👌🏻श्री हरिपुरुषाय नमः🌍🫂
Koi Peeve Ram Ras Pyasa Re
कोई पीवे राम रस प्यासा रे॥
गगन मण्डल में अमृत सरवै,
उनमनि के घर बारा रे॥
शीश उतार धरे धरती पर,
करे न तन की आशा रे।
ऐसा मंहगा अमी बिकावे,
छह रितु बारह मासा रे॥
मोल करे सो छके दूर से,
तोलत छूटे वासा रे।
जो पीवे सो जुग जुग जीवे,
कबहुँ न होय विनाशा रे॥
या रस काजभये नृप जोगी,
छांड़े भोग विलासा रे।
सेज सिंहासन बैठे रहते,
भस्म लगाइ उदासा रे॥
गोरखनाथ भरथरी रसिया,
सोई कबीर अभ्यासा रे।
गुरु 'दादू' प्रसाद कछु इक,
पाया 'सुन्दर दासा' रे॥
🚩जय श्री गुरु महाराज जी की🙏🏻