🕉️🎯👌🏻श्री हरिपुरुषाय नमः🌍🫂
Koi kahiyo re prabhu aavan ki Meera
कोई कहियो रे प्रभु आवन की,
आवन की मनभावन की॥
आप न आवै लिख नहिं भेजै,
बाण पड़ी ललचावन की।
ऐ दो नैन कह्यो नहिं मानत,
नदियाँ बहैं जैसे सावन की॥
कहा करूँ कछु बस नहिं मेरो,
पांख नहीं उड़ जावन की।
मीरा कहै प्रभु कब रे मिलोगे,
चेरी भई हूँ तेरे दाँवन की॥