🕉️🎯👌🏻श्री हरिपुरुषाय नमः🌍🫂
Koi Aave Santo Hari Ka Jan Santo
नानक गुरबानी Nanak Gurbaani lyrics
कोई आवे संतो! हरि का जन संतो।
मेरा प्रीतमजन संतो मोहे मार्ग दिखलावें।
तिस जन के हौं मल मल धोवा पाओ॥
हे मेरे मन! अगर कोई संत मुझे आ के मिले। हरी का कोई संत आ के मिले। कोई मेरा प्यारा संत जन मुझे आ मिले। और मुझे (परमात्मा के मिलाप का) रास्ता दिखा जाए तो मैं उसके पैर मल-मल के धोऊँ।
जप मन माधो मधुसूदनो,
हरि श्री रंगो परमेसरो।
सत परमेसरो प्रभु अन्तरजामी॥
हे मेरे मन! हरेक दिल की जानने वाले प्रभु का नाम जपा कर। वही मायापति हैं। वहीं मधु राक्षस को मारने वाला है। वही हरी लक्ष्मी का पति हैं। वहीं सबसे बड़ा मालिक है। वही सदा कायम रहने वाला है।
सब दुःखन को हन्ता,
सब सुखन को दाता।
हरि प्रीतम गुन गाओ॥
हे मेरे मन! हरि प्रीतम के गुण गाया कर। वही सारे दुःखों का नाश करने वाला है। वहीं सारे सुखों को देने वाला है।
हरि घट घटे घट बसता,
हरि जल थले हरि बसता।
हर स्थान स्थानंतर बसता,
मैं हरि देखन को चाओ॥
हे मेरे मन! वही हरेक शरीर में बसता है। जल में धरती में बसता है। हरेक जगह में बसता है। मेरे अंदर उसके दर्शनों की तमन्ना है।
हरिजन को हरि मिलिआ,
हरि सरधा ते मिलिआ।
गुरमुख हरि मिलिआ॥
हे भाई! परमात्मा अपने किसी सेवक को मिलता है। भक्त की श्रद्धा-भावना के साथ मिलता है। गुरु की शरण में मिलता है।
मेरे मन तन आनन्द भए,
मैं देखिआ हरि राओं।
जननानक कर कृपा भई,
हरि की कृपा भई जगदीसर कृपा भई॥
गुरु की मेहर से जब मैंने भी प्रभु-पातशाह के दर्शन किए तो मेरे मन में मेरे तन में खुशी ही खुशी पैदा हो गई। हे भाई! दास नानक पर (भी) मेहर हुई हैं। हरी की मेहर हुई है। जगत के मालिक की कृपा हुई हैं।
🚩निरंजनी अद्वैत सेवा संस्थान, भाँवती🥀
🎙️सतविंदर सिंह Satwinder Singh