🕉️🎯👌🏻श्री हरिपुरुषाय नमः🌍🫂
Eri me to Prem deewani Meera pad lyrics
लकड़ी जल कोयला भयी, कोयला जल बल राख।
मैं तो अभागन ऐसी जली, न कोयला भयी न राख॥
जो मैं ऐसा जानती, प्रीत किये दुख होय।
नगर ढिंढोरा पीटती, प्रीत न करयो कोय॥
ऐ री मैं तो प्रेम दिवानी मेरो दर्द न जाने कोय।
हे री मैं तो प्रेम दिवानी मेरो दर्द न जाने कोय।
ना मैं जानूँ आरती वन्दन, ना पूजा की रीत।
कहियन न जानूँ दर्द दिवानी पागल मेरी रीत।
लिए री मैंने दो नैनो के दीपक लिए संजोय॥
घायल की गत घायल जाने, जो कोई घायल होय।
जौहरी की गत जौहर जाने, जो कोई जौहर होय।
सूली ऊपर सेज पिया की, किस विध सोवन होय।
गगनमंडल पे सेज पिया की, किसविध मिलना होय॥
दर्द की मारी बन-बन डोलूँ, बैद मिला नहिं कोय।
मीरा की प्रभु पीर मिटेगी, जद बैद साँवरिया होय॥