🕉️🎯👌🏻 श्री हरिपुरुषाय नमः 🌍🫂
E Kanhaiya Yaad Hai Kuch Bhi Hamaari
यह शायद दुनिया की एकमात्र सूफ़ी कव्वाली है जो मात्र कृष्ण भगवान पर लिखी गयी है और पढ़ी जाती है... कव्वालियाँ अधिकतर खुदा या इश्क़ या मुर्शिद के लिए लिखी जाती हैं... यह राग तिलक कामोद में है । दीपचन्दी ताल (14 मात्रा) में है...
बात चल निकली है, तो दूर तलक जाएगी
दूर तलक जाएगी, तो लौटके यहीं आएगी
भूल भूल की याद भई, मैं कद भूली तोहि।
मैं भूली तो भूल भई, तू मत भूलियो मोहि॥
ऐ कन्हैया ! याद है कुछ भी हमारी
ज़रा बोलो कन्हैया याद है कुछ भी हमारी
कहूँ क्या तेरे भूलने के मैं वारी
ऐ कन्हैया ! याद है कुछ भी हमारी
ज़रा बोलो रे कन्हैया रे मारे कानू रे
ओ कन्हैया मुझे याद है वो ज़रा ज़रा
तुम्हे याद हो, न याद हो........
बिनती मैं कर कर ब्राह्मणों से पूछी
पल पल की खबर तिहारी........
पइयाँ परी महादेव के जाकर
हाँ री टोना भी करके मैं हारी कन्हैया
ख़ाक परो लोगों इस ब्याहने पर
अच्छी मैं रहती कँवारी..........
मायका में मैं 'हिल्म' रहती थी सुख से
फिरती थी क्यों वारी वारी कन्हैया!
मैं कौन हूँ और क्या हूँ ये रिज़वान से पूछो
जन्नत मेरे बाप-दादे की ठुकरायी हुई है॥
🚩श्री निरंजनी अद्वैत आश्रम भाँवती🙏🏻
🎙️निजामी ब्रदर्स Nizami Brothers
🎙️फरीद अयाज अबू Fareed Ayaz&Abu
🎙️मालिनी अवस्थी Malini Awasthi