🕉️🎯👌🏻श्री हरिपुरुषाय नमः🌍🫂
Udho Mohe Sant Sada Ati Pyare
ब्रह्मानन्द Brahmanand Bhajan lyrics
ऊधो! मोहे सन्त सदा अति प्यारे।
जाकी महिमा वेद उचारे॥
मेरे कारण छोड़ जगत के,
भोग पदारथ सारे।
निशदिन ध्यान धरे हिरदे में,
सब जग काज बिसारे॥
मैं सन्तन के पीछे जाऊँ,
जहाँ जहाँ संत सिधारे।
चरणन रज निज अंग लगाऊँ,
शोधूँ गात हमारे॥
सन्त मिले तब मैं मिल जाऊँ,
सन्त न मुझसे न्यारे।
बिन सत्संग मोहि नहिं पावे,
कोटि जतन कर हारे॥
जो सन्तन के सेवक जग में,
सो मम सेवक भारे।
'ब्रह्मानन्द' सन्त जन पल में,
सब भव बन्धन टारे॥
जय श्री गुरु महाराज जी की🙏🏻