🕉️🎯श्री हरिपुरुषाय नमः🌍🫂
Ud ja hans akela kabeer
उड़ जा हंस अकेला..........
एक डाल दो पंछी बैठा,
कौन गुरु कौन चेला.......
गुरु की करनी गुरु भरेगा,
चेला की करनी चेला.......
माटी चुन चुन महल बनाया,
लोग कहे घर मेरा............
ना घर तेरा, ना घर मेरा,
चिड़िया रैन बसेरा...........
मात कहे ये पुत्र हमारा,
बहन कहे ये वीरा...........
भाई कहे ये भुजा हमारी,
नारी कहे नर मेरा...........
पेट पकड़ के माता रोये,
बांह पकड़ के भाई,
लपट-झपट के तिरिया रोये,
अंत अकेला जाई रे..........
कौड़ी कौड़ी माया जोड़ी,
जोड़ भरेला थैला................
कहत कबीर सुनो भाई साधो,
संग चले ना ढेला रे.............